Avinash Bharadwaj

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राजधानी दरभंगा !

  मैं एक आम आदमी हुँ । मैंने देश दुनिया देखा है, घुमा और समझा है । मुझे Read More

बंदरबाट !

  जब सचिवालय में बैठे पदाधिकारी विकास की योजना सत्ताधारी दल को फायदा Read More

मजदुर !

  आप विचलित नहीं होते मजदूरों की लम्बी लाइनें वीरान सड़कों पर देखकर | Read More

नया शहर !

  खैर जो लोग कल तक अपने थे आज दूर जा चुके थे | समय बदल रहा था और मैं बखूबी Read More

छोटे शहरों की समस्या |

  दरभंगा शहर में जाम है, साफ सफाई की व्यवस्था नहीं है, पीने के पानी के Read More

डर |

मन थका सा था, बेड पर लेटे हुये दिमाग में कुछ चुलुबुला सा ख्याल आया | छत के तरफ Read More

चरणा अमृत !

  जब भी किसी गाँव में कोई मंदिर देखता हूँ तो दिलों दिमाग में अपने गाँव Read More

डर !

  फुर्सत के पल में कहानियाँ लिखने का शौक कब से हो गया ये नहीं पता लेकिन Read More

संघर्ष

  देखिये ये संघर्ष हमेशा चलता रहता है | संगठन बिना धन के चल नहीं सकता और Read More

Darbhanga Airport

  And after 70 year of Indian independence we are raising our voice for an airport. Ohh stop this stupid screaming and listen to me. Clear your ear and get silent for some minute. I Read More

बाढ़ और हमारी सरकार |

  छत पर बैठा हुआ हूँ | दूर बारिश के पानी से सरोबार उजले चमचमाते हुए खेत Read More

उत्तर बिहार का विकास क्यों नहीं हुआ

  चुपचाप बैठ कर सोचता रहता हूँ कि कौन सा ऐसा कारण है जिसने उत्तर बिहार Read More

कच्ची रोड में उसे खाली पैरों चलते देख

सुबह सुबह वो दिख गयी थी | हरे दुपटे में लिपटी, भींगे बालों के लट को हाथों से Read More

पलकें झपकी थी |

नहीं लिखूंगा कहानी तो नींद नहीं आएगी और लिखूंगा तो बबाल | कभी कभी सोचता हूँ Read More

लाल अलता !

मैंने अपने आप को बहुत रोकने की कोशिस की | मन को मना लिया की नहीं लिखूंगा | लाल Read More

सबक ---- 

इंसान को कभी-कभी चशमा उतार कर भी संसार देखना चाहिये | थोड़ा कम ही दिखे वो Read More

बबली के प्रेम में !

  नवमी कक्षा की परीक्षा चल रही थी | बाबू जी का का दिया हुआ 1 रूपया जेब में Read More

मर्यादा का बंधन |

  शादी में ! बारात नाश्ता कर चुकी थी तभी बहनोई ने बुलाया | ना ना करते हुए Read More

बालकनी के प्रेम कथा का निर्दयी अंत !

  दिसम्बर के धुप में यूँ ही बालकनी के दूसरी तरफ मुड़ बैठ गया था | बादलों Read More

उखाड़ फेकों बिजली के विशाल खम्बों को !

  मिथिला के नवयुवकों, निकलो घरो से और उखाड़ फेंको उन बिजली के विशालकाय Read More



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