एक संस्था जिसकी स्थापना मार्च २०१५ के अंत में मिथिला के क्षेत्र और छात्र के विकास के लिया होता है और वो मार्च २०१६ के आते-आते इतनी उपलब्धि प्राप्त कर लेगा ये संस्था के लोगो के आलावा किसी ने भी नहीं सोंचा था. अपने स्थापना के पहले साल में ही इस संस्था ने वो मुकाम हाशिल कर लिया वैसा मुकाम वैसा प्रसिद्धि दसको से कार्य करने के बाद भी किसी संस्था को प्राप्त नहीं हो सका है.
ये किस ने सोचा था की कुछ उत्साही लड़को के द्वारा बनायीं गयी यह संस्था एक साल पूरा होते-होते 60 हजार लोगो से ज्यादा की संस्था हो जाएगी. लेकिन ऐसा हुआ क्यूंकि लोगो के मन में लगन था, जोश था अपने क्षेत्र, अपने माटी के लिए कुछ करने का.
किस ने ये सोंचा था की 20-25 साल के लडकों का यह झुण्ड इतने कम दिन में मिथिला से ले के दिल्ली, मुंबई, पटना, पश्चिम बंगाल तक अपनी टीम का निर्माण कर लेगा. लेकिन उन्होंने ऐसा कर दिखाया क्यंकि उन्होंने यह ठान रखा था.
किस ने सोचा था की ये संस्था मिथिला के धरती पर ऐसा आन्दोलन कर देगा जैसा मिथिला आन्दोलन के इतिहास अब तक किसी ने नहीं किया है. पिछले साल मई में स्मार्ट मिथिला अभियान के द्वारा उन्होंने ऐसा कर के दिखाया... पुलिस की लाठियां चलती रही.. संस्था के सैनानी को पुलिस के द्वारा गली दिया गया उन्हें आतंकवादी तक कहा गया और क्षेत्र के जनप्रतिनिधि मूकदर्शक बने रहे.. इन सब के बाबजूद ये युवा टिके रहे और 40 डिग्री के पार देह के झुलसा देने वाली धुप में, श्यामा माई परिसर में सो के 5 दिनों तक आन्दोलन कर के मिथिला के लोगो झकझोर के रख दिया. मिथिला के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ की केन्द्रीय मंत्री के कार्यक्रम को नजरअंदाज करते हुए पत्रकारों ने इस आन्दोलन को प्रमुखता के कवर किया.
ऐसा पहली बार हुआ है की किसी संस्था के सदस्य को अपने क्षेत्र के विकास के खातिर पहले साल में ही दसियों बार अरेस्ट होना पड़े.
मैथिली नववर्ष को मान्यता दिलवाने से ले BSNL में मैथिली का प्रयोग करवाने, रेलवे स्टेशनों पर मैथिली में उद्घोसना करवाने, तक दर्जनों कार्य अपने पहले साल में ही कर के एक नया कृतिमान स्थापित किया है.
मुझे पता है की आप में से ज्यदातर लोगो को इस संस्था का नाम पता होगा. जिन्हें नहीं पता है उन्हें बता दूँ इस संस्था का नाम मिथिला स्टूडेंट यूनियन है.
मिथिला स्टूडेंट यूनियन के कार्यों का लिस्ट बहुत लम्बी है.. उन सारे कार्यों को उल्लेख यहाँ करने लगूंगा तो एक पूरा किताब बन जायेगा. अत: इस संस्था के द्वरा किए कार्यों, उसका समाज पर असर और आगे रणनीति की विस्तृत जानकारी चाहते है तो इस संस्था के पहले स्थापना दिवस पर 27 मार्च 2016 रविवार को दिन के 2 बजे राजेंदर भवन, दिन दयाल उपाध्याय मार्ग, ITO मेट्रो स्टेशन के नजदीक जरुर पहुँचे और इन युवाओं को उनके द्वारा किये गए कार्यों के लिए प्रोत्साहित करें... ताकि आने वाले समय में ये युवा पहले ज्यादा जोश, उत्साह, जूनून, और सधे हुए लक्ष्य के साथ मिथिला में मिथिला के विकास के लिए जनक्रांति कर सकें..

अमित सिंह

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