साथी तुम कितने में बिके पता है मुझे - ज्यादा में नहीं वही 5000-10000 हजार में, जी हां इसी के खिलाफ खड़े हुए थे न हम सब | साथी क्रांति का आगाज करने आये थे तुम लेकिन अपने आपको बेच दिया, तुम व्यवस्था बदलने के लिए खड़े हुए थे, देश की अर्थव्यवस्था बदल सकते थे, क्रांति ला सकते थे लेकिन तुम बिक गए | दुख हुआ सुनकर भाई, दुख हुआ आज यह सब देखकर | आज तुम पीछे खड़े थे, जी तुम पीछे खड़े थे - डर से तुम छुपते फिर रहे थे | साथी उस पांच दस हजार ने आज तुम्हारे हाथ पैर बांध दिए थे | तुम एक बदलाव के लिए खड़े हुए थे, इस व्यवस्था को बदलने के लिये, तुम में वह ऊर्जा देखी थी मैंने | तुम इस दुनिया को बदल सकते थे, इस जहाँ को बदल सकते थे, इस जहां के हर कोने कोने को लेकिन तुम तो बिक गए | तुम पांच दस हजार में ही बिक गए थे | हम तो इसी के खिलाफ खड़े हुये थे लेकिन तुम बिक गए |

 

दिल दुखी है तुम बिक गए | पांच दस हजार में बिक गये | सपने में भी मैंने नहीं सोचा था एक दिन तुम बिक जाओगे वह भी बस पांच दस हजार में ! साथी आज जो मैंने तुम्हारी स्थिति देखी, क्या बताऊं दिल कांप गया था मेरा और कुछ कहने के लिये होठ फर्फराए थे मेरे लेकिन कोई शब्द निकल नहीं पाया | क्या करें क्या ना करें यही सोच सोच कर तो मैं रह गया था लेकिन कुछ कह नहीं पाया तुझे,  तुम्हारी बिचित्र स्थिति देखकर मेरे हृदय के टुकड़े टुकड़े हो गए, लेकिन कुछ कह नहीं पाया साथी | सही में कहने की हिम्मत तो अभी भी नहीं हो रही है लेकिन क्या करूं तुम साथी जो ठहरे मेरे संघर्षो के ! तो कहना तो पड़ेगा ही साथी ! हमने तुम्हें देखा पहला दिन तब जब तुम आए थे व्यवस्था परिवर्तन के लिये | एक नौजवान लड़का निकला था बदलाव के लिये जहां मानवता ही एकमात्र धर्म हो, जहां ऊँच-नीच का भेदभाव नहीं हो, जहां हर इंसान एक दूसरे से दोस्ती में रहे और किसी के बीच कटुता ना यह सोच थी तुम्हारी, लेकिन ज्यादा दिन की तो बात नहीं है | बस 4 महीने पहले यही सोच कर तुम आए थे लेकिन वक्त के थपेड़ों ने तुझे भी बदल दिया ! लेकिन क्या हुआ बस 4 महीने में ही तुम बदल गए | कहां गए तुम्हारे सपने, कहां गए वह तुम्हारी सोच, कहां गई वह व्यवस्था के परिवर्तन की चाह, सब खत्म हो गई ना साथी !

 

दुखी दिल से हम इसी बात को कहने के लिए आज तुम्हारे पास आयें हैं | मत बदलो अपने आपको मत फसों इस पांच-दस हजार के चक्कर में, तुम व्यवस्था परिवर्तन करने के लिए आए, तुम व्यवस्था का परिवर्तन कर सकते हो | इतनी हिम्मत है तुम में ! लेकिन तुम बदल गये | थोड़ा वक्त दो अपने आप को और सोचो | ठण्ड दिमाग से | हाँ फिर कह रहा हूँ सोचना जरुर | तुम क्यों आये थे ! तुम क्यों आये थे !

Sign In to know Author