खैर जो लोग कल तक अपने थे आज दूर जा चुके थे | समय बदल रहा था और मैं बखूबी इन बदलाव को महसूस कर रहा था | फिर भी कुछ जाने पहचाने लोग से मुलाकात हो जाती तो आखों के आगे साथ बीताये हुए पल किसी हिंदी फिल्म के भातीं चलने लगती | रायपुर के उस कान्यकुब्ज ब्राह्मण भवन में हर दूसरा चेहरा जाना पहचाना तो था लेकिन समय के साथ बदलती सोच ने आपसी संबंधो पर एक महीन बर्फ की पडत जमा दी थी ऐसा महसूस हो रहा था |

 

शाम के समय उस लॉन के एक किनारे में बैठे एक पुराने परिचित से कुछ सुख-दुःख की बातें कर समय काट रहें थे | तभी कुछ लड़कीयां आई, सामने खरी हो कर आपस में बातचीत करने लगी और उस में से एक आगे आ कर कहती हैं कि आप हमारे साथ घुमने चलियेगा | मैं भला क्यों जाऊं ? Her sudden question confused me and i started thinking about them. If they know me. तभी her typical Patnite tone gives enough hint to my mind. They were from the same office i used to work years back and they must have heard about me from their colleague's. बहुत ही नम्रता से मैंने कहा की आपलोग जाइए न, मैं थोड़ी बातें करता हूँ | लेकिन फिर सब के सब एकसाथ चलने को कहने लगी और हमारे पुराने परिचित भी तो मैंने बातों को बदलने के लिये कह दिया की अभी गाडी में बैठने का मन नहीं है | लेकिन ये भी दांव नहीं चल सका क्योंकि वो सब पैदल ही जाने वाले थे और हमने भी साथ चलने के लिये हामी भर दी |

 

सोचा की इसी बहाने नये शहर का भ्रमण हो जायेगा | कुछ ही देर में उस छोटे से शहर का छोटा सा मरीन ड्राइव पर हमलोग पहुँच गये जो एक तालाब को चारों तरफ से घेर कर बनाया गया था | हमलोग बातें करते हुए वहां पहुचें ही थे कि एक मनमोहक दृश्य ने सबका ध्यान अपनी ओर खीच लिया | फिर तो फोटो और सेल्फी ही होता है आज के ज़माने में | फिर वही जिद कि आप भी फोटो फ्रेम में आइये न | Oh my God. No no I can’t but who will listen to you. And forcefully they convinced me for photos and i was caught in camera for sweet memories. With every click my sixth sense was alarming. बेटा तू तो गया, कल ही तो तेरा खजूर के पेड़ के साथ लिया गया फोटो ट्रोल हो रहा था कुछ लोग दाढ़ी वाला फोटो लगा कर नसेरी भी लिख देते हैं, अब फिर लड़कियों के साथ फोटो | हे भगवान् ! क्या बताऊँ, किसे समझाऊ ! किस तरह के दकियानुसी लोग मेरे पीछे पड़ें हुए हैं | खैर तब तक हम आगे बढ़ चुके थे कुछ खाने पीने के लिये ||

 

तभी हमारे ग्रुप में हंगामा मच गया | भाईसाहब एक लड़की का फ़ोन गुम हो गया | सबका मूड चौपट | मैं भी एक किनारे में खड़ा हो कर उन के सीरियस वार्तालाप को सुन कर उनलोगों के नेक्स्ट प्लान को समझने की कोशिश कर रहा था | उन्हीं में से एक ने जरा हंस कर कह दिया कि फ़ोन खो ही गया तो क्या हो गया | उधर से गुस्सा में रुखा सा उत्तर की तुम्हारे लिये ये छोटा सा बात हो सकता है और मैंने अपने आप को समेट लिया | भैया मुफ्त का कुछ राय दूँ और कहीं मैं ही सुन जाऊ | साथ में एक दीदी थी वो जीपीएस की चर्चा किये जा रही थे | As if she was a software engineer. Her confidence was amazing. She was asking about if GPS was on in her phone. A simple lady doing so much query about this GPS thing puzzled me a lot. I was dumb, mook, spectator thinking about my own degree in Computer science. फिर सोचने लगा की एक नये शहर में घूम रहा हूँ, खैर एक और कहानी |

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