जबसे तुम सा नहीँ मिला कोई
मुझमेँ मुझ सा नहीँ रहा कोई

इस मुहब्बत को आज़माने मेँ
बुझ गया कोई और जला कोई

आज तक दिल समझ नहीँ पाया
प्यार था या के हादसा कोई

ज़िँदगी एक सफ़र है जिसमेँ
ना है मँज़िल ना मरहला कोई

जीते जीते भी थक गये हैँ 'शिव'
अब न जीने की दे दुआ कोई

- शिव

Sign In to know Author