आप इंतज़ार कब तक कर सकते हैं ? शायद तब तक ,जब तक की आपके धैर्य का बाँध टूट न जाये |
यहीं बाँध शायद अब जाके टूटा है मिथिला में | एक दशक से राजनैतिक नपुंसकता ने इस क्षेत्र को जितना नुक्सान पहुँचाया है उतना नुकसान तो साजिद खान की हमशकल ने भी नहीं किया है , ब्राह्मण बहुल प्रदेश और राजनैतिक समीकरणों की वजहों से यहाँ के वर्तमान सांसद महोदय पिछले ३ चुनाव से जीत रहे है , ये जीत तो गए पर हर बार मिथिला हारा है सही मायनो में |

ब्राह्मण के पाग पहिं लेला सा कोनो मैथिल नै भ जाइ छै , मैथिल वैहा जे मिथिला के विकास लैल लड़ता |

सांसद महोदय मिथिला से ज्यादा चिंतित IPL और BCCI विकास को लेकर रहते है और उनकी ये तत्परता के पीछे की वजह आज तक कोई नहीं जान पाया जिस तरह से लोग ये नहीं जान पा रहे है की राहुल गांधी का कांग्रेस में क्या काम है ?

कुम्भकरण भी कभी नींद से जागता था , लेकिन हमारे सांसद महोदय का पता नहीं क्यों नहीं जाग रहे हैं, हो सकता है रामायण के ज्ञान से अछूते हो .

हाँ ज्यादा गुस्सा आता है इनको तो एक पत्र जरूर लिखते है , ये तो भाई मानना पड़ेगा | एक कबूतर भी रखे हुए है चिठी पहुँचाने के लिए , कुलदीप नाम है उनका |
आजकल धमकी देते है फेसबुक पे , कानूनी कार्यवाई की | लगता है वकालत करने का सपना था लेकिन नहीं कर पाये , इसलिए मन की बात निकल गयी होगी | फिर भी अगर ये करना चाहे , तो करे एक बार

अब जब सब सोये हुए है तो किसी को तो जागना पड़ेगा | वैसे कोई जागा नहीं है , पर हाँ , एक संगठन है जो जगा रही है और पुरजोर प्रयास कर रही है की कैसे भी हो इस बार चुप नहीं बैठना है | अब और नहीं खामोश बैठना , अब और नहीं बर्दास्त करना , इस बार नहीं तो कभी नहीं | वक़्त का पहिया घूमा है , एक मौका मिला है वो करने का जिसके बारे में किसी ने सोंचा नहीं होगा |

संगठन बन रहा है , लोग जुड़ रहे है उम्मीद से और ऐसा लगता है आने वाले कुछ वर्षों में ये पार्टी कुछ अद्भुत करेगी , और एक मिसाल बनेगी और ये तमाचा भी उन राजनैतिक दलालो के लिए जिनको लगता है की उनके डराने से हम डर जायेंगे |

ज्यादा नहीं लिखूंगा बस इतना कहूँगा
" तुम्हे ख़ामोशी पसंद थी , लो हो गए
अब ज़माने की तरह तुम भी मुझे मुर्दा मत समझना "

उम्मीदों के साथ
शायद आपका
धैर्यकांत मिश्रा

Tags: Politics, MSU

Sign In to know Author