अपनी भाषा के समृधि के बिना हम बढ नही सकते हैं आगे.. 
अपनी भाषा मे छिपी है अपनी संस्कृति का राज.... 
आपानी संस्कृति को भुला के हम बढ नही सकते हैं आगे..... 
अपनी भाषा मे गर हो पढ़ाई ना होगी कोई परेशानी....
अपनी भाषा मे गर चले कार्यालय णहोगी कोई कठिनाई... 
अंग्रेज़ी को हौआ बना के हुमने अपनी भाषा को नकारा हैं...
ऐसा नहो की अंग्रेज़ी के चक्कर मे, अपनी सभ्यता, संस्कृति को ही भूल जाये.... 
फादर्स डे मनाये बांकी दिन उन्हे भूल जाये... 
सुनने मे ए अक्सर आता हैं!
विज्ञान के युग मे अंग्रेज़ी के बिना हम बढ नही सकते हैं आगे..... 
चीन और जापान जैसे देसो मे होती हैं अपनी भाषा मे पढ़ाई ...
और अपनी भाषा मे चलती हैं कार्यालय....
फिर वो कैसे बढ गये हैं इतने आगे...????????????
अमित सिंह
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