चेहरे पर हालातों के कई मौसम बदल गये
उम्र गुज़र गयी जुबां पर जज़्बात आते आते

छुपाकर न मिट सकी लकीरों की सिलबटें
दिखा गई हर रंग बस एक रात जाते जाते

इस बारिश आ गई कुछ दरार रिश्तों में
रुलायेंगे ता उम्र ये निशांनात जाते जाते

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