दुनिया के असली चेहरे को थोडा सा पहचान के रख
वरना धोखा खा जायेगा मेरी बातेँ मान के रख

जंग जीतनी है प्यारे तो एक शर्त है तैयारी
तीरोँ को पैना कर ले तू और कमानेँ तान के रख

मेहनत की रोटी अच्छी है मक्कारी की मेवा से
कुफ़्र, बुराई से तौबा कर पाँव तले ईमान के रख

इसकी चौखट उसकी चौखट कहाँ कहाँ सर रक्खेगा
अपनी इज्जत अपनी पगडी कदमोँ मेँ भगवान के रख

काबा काशी सब अन्दर है बाहर कहाँ भटकता है
वो तेरे दिल मेँ रहता है इतना सा सच जान के रख
- शिव

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