इस ज़िन्दगी की भाग दौड़ में थका -हारा ,
अब मन करता है कुछ पल
तनहा बिताने का
इस थके मन को कुछ वक़्त मिला है
ज़रा सुस्ताने का
सारा दिन तो बीता है गम गिनाने में
अब कुछ वक़्त मिला है
ज़रा मुस्काने का
कुछ पल चैन और सुकून से
नए सपने सजाने का
बहुत से किये थे मैंने वादे अपनों से
अब कुछ वक़्त मिला है
उन्हें निभाने का
कई अपने रूठे हैं मुझसे एक अरसे से
अब कुछ वक्त मिला है
उन्हें मनाने का .......................................

Tags: Poetry

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