बंद करो अब विद्यापति समारोह के नाम पर लाखों करोड़ों रुपए के लूट को ! अब वक्त आ गया है जब हम अपने आप से यह सवाल करना शुरु करें कि है जो पैसा हम विद्यापति समारोह के नाम पर हम खर्च करते हैं, उससे हमारे मिथिला को क्या फायदा होता है | उससे हमारे मिथिला में क्या विकास होता है | क्या बेरोजगारों को रोजगार मिलने की बात होती है ? क्या जो भूखे पेट वाले हैं उनके पेट में अन्न मिलने की बात होती है ? क्या पलायन रुकती है ? या बंद पड़े जूट मिल, सूत मिल, चीनी मील, स्पीनिंग मिल को खोलने की बात होती है ? नहीं होती है न ! अगर मिथिला के नौजवानों की बात नहीं होती है, बेरोजगारों की बात नहीं होती है, तो फिर यह विद्यापति समारोह करने का कोई जरुरत नहीं है | समय की मांग है कि विद्यापति समारोह में से 1 घंटे के लिए ही सही विकास पर बातचीत शुरू हो जानी चाहिए या  इन समारोहों को बंद कर देना चाहिये |

 

                                                    मिथिला के नौजवानों ये वक्त का तकाजा है, यह वक्त की पुकार है, जब हम प्रशन खड़ा कर रहें हैं इन मुद्दों पर, आप भी पूछिए विद्यापति समारोह का क्या फायदा है ? और अगर फायदा नहीं होता है विद्यापति समारोह को दूसरे तरीके से किया जाये ताकि मिथिला के लोगों को फायदा मिले | हमें कोई जरुरत नहीं है विद्यापति समारोह का जब तक हमारे मिथिला के हर व्यक्ति के पेट में अन्न नहीं होगा, हर घर पक्के का नहीं होगा, हर घर में शौचालय नहीं होगा, हर किसान समृद्ध नहीं होगा, हम नौजवान के हाथों में रोजगार नहीं होगा, हर घर घर से पलायन नहीं बंद होगा, घर-घर में अच्छी शिक्षा और स्वास्थ नहीं मिलेगी, तब तक विद्यापति समारोह के नाम पर होने वाली नौटंकी को बंद करना चाहिए | क्रांति का समय है | क्रांति का वक्त है | हम घर से निकले और विद्यापति समारोह करने वाले से प्रशन करें, विद्यापति समारोह के करने से मिथिला को क्या फायदा होगा ? और अगर कुछ नहीं तो फिर विद्यापति समारोह को बंद करो | नहीं तो मिथिला के बेरोजगार बेटा एक दिन एक हो जायेंगे इस नौटंकी के खिलाफ और बंद करवा देंगे आपके चंदा के इस खेल को |

 

( एक बेरोजगार मैथिल की पुकार )

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