'बे-ख़बर' हो गये बड़ी आसानी से , 
और हम 'बे- असर ' भी ना हो सके .... 

 

 

..................****** अर्थ से परीपूर्ण इस दुनिया में अपने जीवन का अर्थ (उद्देश्य ) तलाशतें हुए..

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