दिल कभी कभी जोर से धड़कने लगता है और गला  भर आता है कुछ पल के लिए मानो लगता है की अब कुछ भी नही  बचा अहसास होता है की कैसा   हो  गया सब कुछ पल भर में , फिर साँसे धीमी हो जाती और एक लंबी सांस भर के काफी मजबूर महसूस करता की मैं कर भी क्या सकता |

      अगर पास होता तो तुम्हारे गुस्से से भरा तमतमाया सा चेहरा भांप लेता और कुछ अटखेलियों से या तो थोड़ा और गुस्सा कर देता, नहीं तो तुम खुद ही  फूट जाती और तुम्हे अपने बाहों में भर कर समझा लेता | तुम से मिलकर सब कुछ भुना देता और हम चाय की सिसकियों के साथ उसी रिश्ते में एक और नया एहसास भर लेते .......तुम्ही बताओ मैं क्या करूं तुम परेशान थी और मैं हैरान तुम समझदार हो और मैं   गैर जिम्मेदार मानो सबकुछ एक दूसरे से उल्टा पर फिर भी मन क्यों साथ रहने को मचलता है |

शायद तुम्हे मैं सुनता हूँ दिल से, करता नही दीखता तुमहे पर ख्याल पूरा है .. ....| अब शब्द ही बचे है मेरे पास समेटने को अपने अंदर, तुम इतनी दूर जा चुकी हो की लगता है कोई भी किराया लगा कर पहूच नही पाउँगा  | 
                        मेरी गलती हज़ारों हो सकती है ,पर तुम्हारे साथ  के लिए कुछ और हज़ार गलती भी कर दूंगा इसलिए डरता हूँ की गलती कम करूं | आगे जिंदगी पड़ी है एक भविष्य है जो मैं तुम्हारे बिना बहुत कम  ही सोच पाता हूँ ,पर शायद मैं उस आपाधापी में हूँ जहाँ डगर भटकाऊ है |

अपनों के बिना कोई सफलता मायने नही रखती है येह सच है पर जिंदगी ऐसी ही है जो अफ़सोस करवाने के लिए हमें विचलित रखती है .....शायद तुम नही तो वो सुनहरा कल किसी  और  को  नसीब नही करवा सकता मैं एक अच्छा जीवनसाथी बन कर रह जाऊं किसी के लिए ,पर यादगार असमंजस नही बन पाउँगा तुम्हारा साथ जरूरी है तुम बहुत प्यारी हो मैं बहोत अनाथ हूँ !

तुम्हारा चहकना, तुम्हारी नज़रों की हलचल ,तुम्हारे चेहरे की रंगत और तुम्हारी खुशबू ये काफी है मेरे लिए | 

 तुम्हारा गुस्साना और मेरा दहल जाना तुम्हे वो अहसास नही है, पर  मेरी यही मनोस्तिथी तुमसे दूर होने नही देती |मेरे लिए यही  मोहब्बत है और तुम्हे हर वो ख़ुशी दूं  और चहकने के पल दूं  यही हसरत है .....यही सच है बाकी जो भी तुम सोचती वो तुम्हारे प्यार से निकली गुत्थियां है ..  काश  एक बार और  झांक पाता तुम्हरे नज़रो में शायद कुछ चमक बाकी हो बस उलझन में हूँ थोड़ा अहसास बाकी हो |  

Sign In to know Author