बà¥à¤ रहे हैं चराग थोड़ी तà¥à¤® à¤à¥€ हवा दे दो
इन तड़पते उजालों को अब धà¥à¤†à¤ दे दो
जब की गिरना तय हो गया है तो फिर
टूटकर बिखराव कम हो ये दà¥à¤† दे दो
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- RANJEET SONI