समझता रहा खुद को मैं दुनिया से अलग,
पर हालात ने भीड़ का हिस्सा बन दिया।
छुपाते रहे ग़म लबों पे मुस्कुराहट लिए,
लोगो ने ना जाने क्या क्या किस्सा बना दिया।

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