लिखना चाहूँ पर शब्द ना मिल रहे,

मूंदे नैन काटूं सारी रात पर

मेरे इन आँखों को रैन ना मिल रहे,

दर्द की मरहम है या मरहम ही दर्द,

जो है जख्म भरने तो आज

मरहम ना मिल रहे ।।

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