कुआं है
पानी है
गहरा
बहत गहरा
गहराई कुएं की नहीं, पानी की है
यह पहली बात है.....

पत्‍थर फेकते हुए लोग
नहीं जानते
पानी टूटता नहीं
पानी नहीं जानता
पत्‍थर का भय
यह दूसरी बात.....

तीसरी बात
यह कि
जब तक कुआं है
जब तक पानी है
पत्‍थर आएंगे यूं ही.....

गहराई सब रहस्‍य सहेजे रहेगी
बस आएगी एक आवाज
.....वह प्रतिरोध नहीं
स्‍वीकृति है....लिजलिजी काई
तालाबों में होती है....कुएं में नहीं....

(नेकी कर कुएं में डाल....कुआं सदियों तक बचाए रखेगा उसे....)

Tags: Humor

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