मन ही मन हम यकीन करते थे,
आà¤à¤–ों ही आà¤à¤–ों में हम बात करते थे,
मà¥à¤¸à¥à¤•à¥à¤°à¤¾à¤¤à¥‡ थे, हà¤à¤¸à¤¤à¥‡ थे, रोया à¤à¥€ साथ करते थे,
हम तो समà¤à¥‡ थे की आप हमें समà¤à¤¤à¥‡ थे!
अपनी ही दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ में आप खोये रहते थे,
उसे चाहते थे, मानते थे, बहà¥à¤¤ पà¥à¤°à¥‡à¤® किया करते थे,
दिन - रात, सà¥à¤¬à¤¹ - शाम ज़िनà¥à¤¦à¤—ी उसके नाम करते थे,
हम तो खà¥à¤¦ को इसी दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ में शामिल समà¤à¤¤à¥‡ थे!
साथ बिताये हर पल को हम संà¤à¤¾à¤² कर रखते थे,
और दिल के किसी कोने में हीरे - मोती सा छà¥à¤ªà¤¾ लिया करते थे,
कà¥à¤¯à¥‚ठकरते थे? किसलिठकरते थे? ये हम ना समà¤à¤¤à¥‡ थे,
हम तो बस सपने में इनà¥à¤¹à¥€ पलों को देख, खà¥à¤¶ हो लिया करते थे!
समय की करवट ने मौसम के रà¥à¤– बदल दिà¤,
छोड़ तनà¥à¤¹à¤¾, करके अलग, आप अपनी दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ में चल दिà¤,
करते नहीं हम कोई शिकायत, हर आà¤à¤¸à¥‚ं à¤à¥€ हम पी गà¤,
हम तो बस यही समà¤à¤¤à¥‡ हैं की आप हमें कà¤à¥€ तो याद करते हैं....