"कर लो दुनिया मुट्ठी में" ये तो सुना था लेकिन" दुनिया हमारी मुट्ठी में अभी से " ऐसा हमारे साहबजादे कहते हैं, वो हमपे काफी मेहरबान रहते है कहते है "आप बहुत lucky हैं जो मैं आपसे बात कर रहा हूँ" , हमने जल्दी से अगल-बगल निगाहें दौड़ाई कंही हमारी किस्मत ने सुन लिया तो गुरुर में आकर miss India contest में न चली जाये.
हम भी कम कंहा हैं , अक्सर साहबजादे से गुफ्तुगू करने का जोखिम उठाते हैं , हमारी दिलेरी की मिसाल जाहिराना तौर पे गौर फरमाने लायक है ,हमने पूछा एक दिन -------------उफ़ , तुम ये junk food रोज रोज खाते कैसे हो ?

जवाब आया ------------मुंह से !!!

speechless !,ना, ना, poll नहीं , हम हो गए speechless. हमारी जबान दौड़ कर कुएं की मुंडेर पे चढ़ गई कूदने के लिए, बड़ी मान-मुनौवल करके वापस लाये और गले में बैठाया , कुछ दिन सब्र करके बैठे रहे फिर एक दिन मुंह से निकल गया
"इतनी गर्मी है , लू चल रही है ,दरवाज़े खुले क्यों हैं?

सुनिए जवाब-------क्योंकि वो बंद नहीं हैं !!!!!

कितनी भी तौबा कर ली जाए उनकी हरकतें ही ऐसी हैं की खुद-ब -खुद सवाल कूद पड़ते हैं,

"तुम tuition क्यों नहीं जा रहे हो ?"

---------वापस आने में time waste होगा इसलिए

अब हमारे पास दो option थे या तो हम सर धुन ले या पेट पकड़ लोट-लोट कर हँस ले .
हम भी इरादों के पक्के है सोचा इस बार तो जवाब ले कर ही मानेगे सो दाग दिया सवाल

बेटा , हमारी घडी देखी है?
-----हाँ ,देखी है
(जंग जीतने जैसी feeling हुई)

कहाँ रक्खी है ?
---------'उसी जगह जो मुझे पता नहीं"

जी तो किया घर में जितने भी डंडे और बाहर पेड़ो पे जितनी भी मोटी-पतली टहनियाँ हैं सबकी आजमाइश इनपे कर डाले . शान्त रहने के लिए हमें अपने ३३ करोड़ देवी -देवताओं को याद करना पडा .

अब आलम ये है की हम जब भी कोई सवाल करते हैं तो साहबजादे कहते हैं -----आपको वाकई में जवाब सुनना है !!!

Tags: Humor

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