सत्ता है मेरा मैं न दूंगा प्रिये ,
जो कहा है वो कर के दिखा जाऊंगा
तूने खाया है आधा,
आधा छोड़ दिया। …
मैं तो पूरा ही नोच-नोच खा जाऊंगा,।
आज मौका है, मंच और दस्तूर है,
तेरे चरणों के नीचे ही गोविन्द है
कल मैं खुद को ही गोविन्द बना जाऊंगा।
तेरे दर पे मैं आया हूँ बार -बार को
कल मैं खुद के ही दर पे न मिल पाउँगा ।
चेहरा मेरा है,मैं हु ,ये देखो प्रिये
कल मुखौटे से खुद को ही ढक जाऊंगा ।
सत्ता है मेरा मैं न दूंगा प्रिये
जो कहा है वो कर के दिखा जाऊंगा

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