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माना कि अँधेरी सी ये रात है
लेकिन भला डरने की भी कोई बात है,
घबराता क्यों है, यूं छोटा बच्चा लगता है
ऐ दिल, तुझे तो अँधेरा अच्छा लगता है

न सोच इतना तू, न जोर दे सूखी आँखों पे,
ये पानी अब नहीं बहता, इन छोटी छोटी बातो पे
क्या हुआ जो दर्द हुआ, क्या हुआ जो टूट गया,
क्या बस इतना ही साथ था, जो तू मुझसे ही रूठ गया?

जो वफ़ा के नाम नहीं, उन्ही पे तू मरता है
और फिर दुःख से भी डरता है?
तेरी टेढ़ी मेढ़ी पहेलियाँ और कौन है बूझने वाला
इक मैं हूँ इक तुम हो और कोई न समझने वाला

ख्वाबो के बीच तुझे जो छोड़ गए हैं
साथ चलते चलते रास्ते जो मोड़ गए हैं
अब तेरे रास्ते हर कोई नहीं चल सकता,
बस एक तेरी लौ से सब कुछ नहीं पिघल सकता

ऐ दिल, ये बात अब सीखने को है ,
इन फुहारों से बस हम ही भीगने को हैं
गर तू जो बेवफा है, तो दोनों को दगा है,
मेरे साथ साथ चल, ये ग़म तो हर जगह है,

देख और भी है दुनिया में मन्न लगाने वास्ते
हर मोड़ पर खुले हैं, कितने सारे रास्ते
अब बस, फिर से धड़क जा के सपना सच्चा लगता है
ऐ दिल, तू यूं ही अच्छा लगता है

Tags: Dil, Heart

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