इंसान है वो à¤à¥€, आखिर थक तो जाती है
रोने की चाह है पर मà¥à¤¸à¥à¤•à¥à¤°à¤¾à¤¤à¥€ जाती है
गà¥à¤¸à¥à¤¸à¤¾ करना चाहती है , चिलà¥à¤²à¤¾à¤¨à¤¾ à¤à¥€ चाहती है
न जाने कà¥à¤¯à¥‚ठफिर बस मन मसोस के रह जाती है
डर नहीं है , खौफ नहीं है , बस थोड़ी परवाह है
थोड़ी ही सही पर सबके लिठदिल में à¤à¤• जगह है
इचà¥à¤›à¤¾à¤à¤‚ जताती है , सपने सजाती है , अरमान जगाती है
पर मजबूरियों के बोठके तले बस दबा दी जाती है
चà¥à¤¨ लिया गर रासà¥à¤¤à¤¾ कोई अलग, सवालों की बरसात होती है
गलती नहीं जब कà¥à¤› à¤à¥€, नज़रें बेवजह शरà¥à¤®à¤¸à¤¾à¤° होती हैं
नफरत हो à¤à¤²à¥‡ ही कितनी, दिखा नहीं पाती है
बात ना करे कà¤à¥€ पर आà¤à¤–ों से मà¥à¤¸à¥à¤•à¥à¤°à¤¾ के चली जाती है
टूटती है, बिखरती है, संवर à¤à¥€ खà¥à¤¦ ही जाती है
चाहकर à¤à¥€ किसी को जिमà¥à¤®à¥‡à¤¦à¤¾à¤° नहीं ठहराती है
शिकायत हैं उसे पर किसी और से नहीं है
ये तो खà¥à¤¦ उसका ही दिल है जो गà¥à¤¨à¥‡à¤¹à¤—ार लगे है
बेबस है तो बहà¥à¤¤ , पर नज़र नहीं आती है
नहीं है हिमà¥à¤®à¤¤ ज़रा à¤à¥€ बाकी , जाने कैसे आगे बढ़ी चली जाती है ..
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गलती नहीं जब कà¥à¤› à¤à¥€, नज़रें बेवजह शरà¥à¤®à¤¸à¤¾à¤° होती हैं.......beautiful lines !