अपनेपन की उम्मीद नहीं अब तुमसे,
मैने अब तुम्हें पराया किया
नही चाहिए अब साथ तुम्हारा,
जा मैने तुझे भुला दिया..

ना ज़रूरत है उन मीठी बातों की,
नही चाहिए वो सौगातें,
मेरी मेहन्दी में अब तुम्हारा नाम नहीं,
ना तेरी हैं अब मेरी रातें,,,

मेरे आँसुओं की वजह अब तुम नहीं,
ना मेरी दुआओं ने तेरा नाम लिया,
मेरी वफ़ा पे अब तुम्हारा हक़ नहीं,
क्योंकि अब मैने खुद से ही प्यार किया..

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