लौट के बुद्धू घर को आये, भाग - 4
September 19, 2015 at 5:45pm
जैसा कि मैंने आपको बताया कि लास वेगास जाने का विचार मेरा नहीं बल्कि अन्य मित्रो का था तो टिकट भी उन्ही लोगो ने किसी वेबसाइट से किसी स्कीम के तहत बुक किये थे. इस स्कीम में वायुयान की टिकट के साथ ही होटल के रहने का भी पैकेज था. लास वेगास का चरित्र हमें हवाई अड्डा पहुंचते ही पता चल गया जब चेक इन काउंटर पर बैठी रूपगर्विता कन्या ने कहा कि आपके टिकट में फ्री बैगेज अलाउंस नहीं है. मतलब बैग के लिए आपको प्रति नग अलग से बीस डॉलर देने होंगे. जाहिर सी बात है कि कोई बिना बैग के तो यात्रा करेगा नहीं. सन्देश साफ़ है कि आप किसी तरह गलती से एक बार आ जाओ फिर तो हम बैठे हैं आपको लूटने के लिए.
लास वेगास अमेरिका के नेवाडा राज्य के मोजावे रेगिस्तान में है. ये चारो तरफ से पहाडियों से घिरा है, जिनमे सर्दियों में बर्फबारी भी होती है लेकिन खुद लास वेगास में बर्फ नहीं पड़ती बल्कि साल भर यहाँ धूप खिली रहती है. लास वेगास के मेक्करन एअरपोर्ट पर जुआघरो (कैसिनो) के बड़े बड़े इश्तहार लगे हुए थे. एअरपोर्ट से निशुल्क बस में हम ‘रेंट ए कार’ सेंटर पहुंचे जो पास ही में था. ये अपने आपमें एक काफी बड़ी टर्मिनल बिल्डिंग है. इसमे कार किराए पर देने वाली कम्पनियों जैसे हेर्त्ज़, अविस, नेशनल, अलामो आदि आदि के ऑफिस हैं. हमारे टीम के एक सदस्य के रिश्ते के भाई जो कि किसी और शहर में रहते थे वो अपने भाई से मिलने लास वेगास आये हुए थे. वो हमारे लास वेगास भ्रमण में हमारे मार्गदर्शक बने. सबसे पहले उन्होंने हमारे लिए एक बडी सी गाडी, जिसमें हम सब लोग (9 लोग) आ सके, किराए पर ली. फिर हमने एक भारतीय रेस्तौरेंट ‘ताम्बा’ में खाना खाया जो कि लास वेगास की मुख्य सड़क ‘दी स्ट्रिप’ पर ही था. यहाँ काफी उचित रेट पर बुफे था जिसमे काफी सारे और अच्छी गुणवत्ता के व्यंजन उपलब्ध थे. इस रेस्तौरेंट के मालिक ने लगभग हर बड़े बॉलीवुड स्टार की फोटो खिचवा कर लगाई हुयी थी. यानि जो भी सितारा लास वेगास गया था वो इस रेस्तौरेंट में जरूर आया था. खाना खा कर हम अपने होटल रिवेरा पहुंचे. होटल रिवेरा एक छोटे मोटे शहर के जितना बड़ा था और स्ट्रिप पर ही था. इस होटल में 2100 से ज्यादा कमरे थे और 10,000 वर्ग मीटर से ज्यादा बड़ा जुआघर था. इसकी कई अलग अलग बिल्डिंग्स थी जिनमे सबसे बड़ी 23 मंजिल की थी. इसमे कई तरह के व्यस्क मनोरंजन के कार्यक्रम थे. अर्ध-नग्न और पूर्ण-नग्न नृत्य की व्यवस्था थी. होटल में चेक इन करना भी एक काम था, बहुत भीड़ थी. कुछ देर कमरे में आराम करने के बाद मिलने का प्रोग्राम बना. लास वेगास दिन में लगभग सोया रहता है और ज्यादा चहल पहल नहीं होती. लास वेगास तो रात को देखेंगे लेकिन अभी कहाँ चले?
हूवर डैम चलने का प्रोग्राम बना. ये लास वेगास से ३० मील अर्थात लगभग पचास किलोमीटर दक्षिण पूर्व में था. ये नेवाडा और एरिज़ोना राज्य की सीमा पर है. इसके एक सिरे पर नेवाडा राज्य का टाइम बताने वाले घड़ी लगी है और दूसरे सिरे पर एरिज़ोना का टाइम बताने वाली. ये कोलाराडो नदी पर है और साल 1931 से 1936 तक बन कर तैयार हुया है. बाँध बहुत ही खूबसूरत है बहुत साफ़ सुथरा है और इसकी क्षमता 2080 मेगा वाट है. इसका पॉवर हाउस भूमिगत है और बम निरोधी है, जिसकी छत 1.5 मीटर जितनी मोटी है और इस पर बम का भी असर नहीं होगा. यहाँ पर काफी सैलानी घूमने आये हुए थे. बाँध के सामने ही काफी ऊँचाई पर एक सड़क है जिसे हुवर डैम बाईपास कहते है. यहाँ से डैम का नजारा बहुत ही सुन्दर दिखाई देता है. एक और खास बात यहाँ देखी यहाँ का आसमान बहुत साफ़ था एकदम नीला और उसमे वायुयानों के जाने की रेखायें बनी हुयी थी. ये शायद प्रदूषण ना होने की वजह से था, वरना मुझे नहीं याद आता कि मैंने इतना नीला आसमान पिछले बीस- पच्चीस सालो में कही देखा होगा. लास वेगास लौटते लौटते रात हो चुकी थी.
अब हमारी टीम दो भागो में बाँट चुकी थी जिनकी अपनी अलग-अलग वरीयताये थी. मेरी टीम में चार लोग थे जिसमें मैं और मेरी पत्नी तथा एक और सज्जन जो कि अपनी धर्म-पत्नी के साथ आये थे. दूसरी टीम में बाकी पांच लोग थे. इनके और हमारे गंतव्य और मंतव्य दोनो ही अलग अलग थे. उनकी छोड़ देते हैं अपनी बात करते हैं. लास वेगास का जो सबसे प्रसिद्द और मुख्य मार्ग है उसे ‘दी स्ट्रिप’ कहते हैं. ये लगभग 7 किलोमीटर लम्बा है और सारे बड़े होटल, कैसिनो और एंटरटेनमेंट शो इसी सड़क पर हैं. हम लोग पैदल ही बाहर निकले और निरुद्देश्य घूमने लगे. कुछ लोग समूहों में घूम रहे थे तो कुछ जोड़ो में. ज्यादातर लोगो के हाथ में कांच का रंग-बिरंगा लम्बी सी गर्दन वाला हुक्के की किस्म का एक पात्र थी जिसमे कोई मादक द्रव्य भरा हुया था और वो एक पतले पाइप की सहायता से चलते-चलते उसे पी रहे थे. सड़को पर छोटी छोटी स्पोर्ट्स कार और लक्ज़री कार तो ठीक हैं लेकिन लम्बी-लम्बी, चमचमाती, काली लेमोजीन गाड़ियाँ लास वेगास को सच में खास बना रही थी. ये गाडिया यहाँ किराए पर मिलती है लगभग पचास डॉलर प्रति घंटा. कुछ लोग खुली बसों में घूम रहे थे और गा बजा रहे थे. कई जोड़े दुनिया से बेखबर उन्मुक्त आलिंगन और चुम्बन में व्यस्त थे. सर्विस रोड पर कई स्ट्रीट परफ़ॉर्मर थे. कोई मूर्ती बन कर खड़ा है और अचानक आपके कंधे पर हाथ रख कर आपको डरा देता है. कोई कुर्सी की मुद्रा में घंटो से खड़ा है. कोई गेंदे उछल रहा है. कई होटल और कैसिनो के बाहर बार-बालाएं अति-न्यून वस्त्रो में उत्तेजक मुद्राओ में उपस्थित थी. कुछ जगहों पर अर्ध-नग्न अर्थात मात्र अधो-वस्त्रो में पुरुष भी पाए गए. ये सभी श्याम वर्ण यानि कि अफ्रीकी मूल के थे. पूरा शहर नियोन साइन और एल सी डी स्क्रीन से पटा पड़ा था. हर तरफ किसी ना किसी शो या होटल या कैसिनो का चलता-फिरता इश्तेहार था. एक रिसोर्ट जिसका नाम ‘एमजीएम दी ग्रैंड’ था में डेविड कॉपर फील्ड, जो कि एक बहुत बड़ा जादूगर है, उसका शो था. रिवेरा के सामने सड़क के दूसरी और सर्कस-सर्कस का शो था.
बेलाजियो होटल के बाहर फव्वारों का एक शो था. ये निशुल्क था और आधे घंटे में एक बार होता था. इसमे आठ एकड़ की मानवनिर्मित झील में 1200 फव्वारे लगे हैं इसमे अधिकतम ऊँचाई तक पानी फेकने वाला फव्वारा 460 फीट ऊँचे पानी फेंक सकता था. इसमे 4500 जे ज्यादा लाइट्स थी. इसके रूप और रोमांच को शब्दों में बताना संभव नहीं है. जब नीले, गुलाबी, सफ़ेद और बैगनी रंग की रोशनी में संगीत के साथ पानी की धाराए नृत्य करती है तो दृश्य देखते ही बनता है.
इसी तरह मिराज होटल के बाहर ज्वालामुखी के फटने का एक शो था. ये 8, 9 और 10 बजे होता था. इसमे पानी और रोशनी के साथ तेल और गैस की लपटों को मिला कर एक फटते हुए ज्वालामुखी का दृश्य प्रस्तुत किया जाता है. इसमे धुंए और आग की लपटे सौ फीट तक ऊपर जाती है. पार्श्व में बजता हुआ संगीत इसकी खूबसूरती में चार चाँद लगा देता है. उस दिन मैंने गौर किया था कि पार्श्व संगीत में ड्रम की बीट्स के साथ-साथ तबले की थाप भी है. बाद में मैंने पता किया तो आपको भी जानकर गर्व होगा कि उस संगीत में तबला हमारे अपने उस्ताद जाकिर हुसैन साहब ने बजाया है.
थोड़ी थोड़ी दूर पर कुछ लोग ताश के पत्तो के जैसे कुछ रंगीन कार्ड बाँट रहे थे. एक कार्ड लेकर देखा तो उस पर अर्ध-नग्न युवतियों के चित्र और कुछ फोन नम्बर थे और साथ ही लिखा था कि ये लडकियां आपसे मिलने को बेताब हैं. ये तो चलो फिर भी ठीक है थोडा बहुत छुप-छुपा कर हो रहा था, हद तो तब हो गए जब मैंने ‘दी स्ट्रिप’ पर धीरे-धीरे चलते हुए ओपन ट्रेलर में एक बहुत बड़े रोशनी से लबरेज बोर्ड पर यही इश्तेहार देखा, अर्ध-नग्न चित्रों के साथ लिखा ‘these girls are waiting to meet you’ और साथ में फोन नम्बर्स. मेरी जानकारी के अनुसार अमेरिका में अश्लील चलचित्र देखना कानूनी है लेकिन वेश्यावृति निषेध है. तो फिर इन इश्तहारो का अर्थ क्या था इन इश्तहारो का अर्थ भी सिर्फ आपको मूर्ख बना कर लूटना था.
एक डेढ़ घंटा घूमने के बाद हमने ‘बॉम्बे इंडियन कुजीन’ में खाना खाया जो कि एक गुजराती व्यक्ति का था और फिर अपने होटल में आ कर सो गए, अगले दिन ग्रैंड कैनियन जो जाना था.

Tags: Travelogue

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