In loving memory of Aayush Pratap Singh.

अलग नहीं थे तुम
उस हर एक शख्स से
जो मिला मुझे ज़िन्दगी में
और छोड़ गया एक दिन,
सिवाय इसके कि
जाने से पहले
तुम रुके दो पलों के लिए
मुझ बिखरते हुए को
समेटने की खातिर
भरा लाल रंग से
दिल को मेरे
सिखा दिया प्यार करना
मुस्कुराना
ग़मों में भी
और फिर एक दिन
ग़म देकर
छोड़ गए
मुझे मुस्कुराता हुआ.

लेफ्ट वाले तुम हो और राईट वाला मैं. जानते हो मुझे भी चश्मा लग गया है. तुम्हारी तरह.

Sign In to know Author