चुनाव नजदीक आ चूका है... तो मिथिला के लोगो के मन में ये सवाल बार-बार उठ रहा है.. कौन सी पार्टी मिथिला का हितैसी है??? इस बार के विधानसभा चुनाव में किस पार्टी को वोट दिया जाए?? विकल्प क्या है???
तो सुनिय कोई विकल्प नहीं है आपके पास... इस बार NOTA का बटन दबाईये... और मिथिला विरोधी नेताओं और पार्टियों को सबक सिखाईये...
किसको वोट देने का मन है कांग्रेस को????
कांग्रेस ने बिहार में 40 सालो तक राज किया है.... क्या किसी को पता है की उसने मिथिला के लिए क्या किया ??? कुछ नहीं किया जी उन्ही राज में मिथिला क्षेत्र के लघु उद्योग बंद होने शुरू हुए... ताकि हमारे यहाँ के लोग पंजाब में मजदूरी करने के लिए पहुँच सके... हमें मजदुर बनाने के लिए कांग्रेस राज में एक षड्यंत्र के तहत कल कारखाने बंद किये गए थे... मुझे तो लगता है आप इस कांग्रेस को हरगिज वोट देना पसंद नहीं करेंगे...
किसे वोट दीजियेगा लालू जी को????
15 साल के शासन में इन्होने मिथिला क्षेत्र के जो बचे-खुचे कल-कारखाने थे, उसे भी इन्होने बंद कर दिया... कांग्रेस के राज में शुरू हुआ पलायान इनके राज में चरम पर पहुँच गया.. मैं बच्चा था पर मुझे याद है की इन्होने सड़को का क्या हाल किया था.. तथाकथित जंगलराज भी इन्ही की दें है... इनको वोट देना तो नासमझी ही होगी..
किसे वोट दीजियेगा शुशासन बाबु को????
कहे जी.??? तथाकथित शुशासन बाबु ने 10 सालो में क्या किए हैं मिथिला के लिए.. विकास के नाम पे लोगो से वोट माँगे थे... मगर मिथिला क्षेत्र को मिला क्या??? मिथिलाचल में वर्षों से बंद पड़े उद्योग व धंधे को चालू करने के लिए तो इन्होने इन 10 सालो में कुछ नहीं किया है... जिसका परिणाम है की जयनगर और दरभंगा जाने वाली ट्रेनें हमेशा भरी रहती है.. और यह साबित साबित करती है कि मिथिला इलाके से कितना पलायन दिल्ली और एनसीआर में nitish बाबु के राज में भी हो रहा है.... रोड बनवाएं है कुछ... लेकिन विज्ञापन से इतर ध्यान देने पर आपको उत्तर और दक्षिण बिहार में जमीन-आसमान का अंतर नजर आ जायेगा... मिथिला में न तो किसी उद्योग की आधारशिला रखी गई है न शैक्षणिक संस्थानों की... सारा कुछ पटना और इसके इर्द-गिर्द समेटा गया है, एम्स, आईआईटी, चंद्रगुप्त प्रबंधन संस्थान और चाणक्य लॉ स्कूल... धान के भूसे से बिजला का प्रस्ताव गया की ओर मुड़ गया और कोयला आधारित प्रोजेक्ट औरंगाबाद के लिए...
बाढ़ में एनटीपीसी की योजना से लेकर, नालंदा विश्वविद्यालय तक और आयुध कारखाने से लेकर जलजमाव से मुक्ति की योजनाओं तक में कहीं भी मिथिला के किसी शहर का नाम नहीं है... इन योजनाओं के तहत आने वाले इलाके नीतीश के प्रभाव क्षेत्र वाले इलाके हैं... इन 10 सालो में नितीश बाबु का सारा ध्यान मगध और भोजपुर पर ही लगा रहा है... और लगे भी क्यों नहीं ये उनके प्रभाव क्षेत्र वाला इलाका है... जब nitish बाबु मिथिला के लिए कुछ करबे नहीं किए तो इनको वोट क्यूँ दिया जाय????
किसे वोट दीजियेगा बीजेपी को???
लोकसभा चुनाव में मिथिला के लोगो ने मोदी जी को दिल खोल के वोट दिया था... बदले में उनको क्या मिला... हमारे सांसद कृति बाबु, हुकुमदेव बाबु, रामचंद्र पासवान आदि को घुमने से फुर्सते नहीं है... मोदी जी 1 लाख 25 करोड़ के पैकेज का घोसना किए... लेकिन मिथिला को उसमे कुछ नहीं मिला... न तो दरभंगा और सहरसा जैसे शहर स्मार्ट सिटी में शामिल हुआ और न ही दरभंगा से विमानन सेवा का सुरुआत किया गया... न ही इस पैकेज में मिथिला क्षेत्र के बंद पड़े कल-कारखानें को खोलने के लिए कोई प्रावधान किया गया है... 15 साल कृति बाबु सांसद रहे हैं.. खरंजा के आलावा कुछ किये है..दरभंगा के लिए क्या??? 10 साल से हुकुमदेव बाबु सांसद है... मधुबानी का क्या विकास करवाए है??? एक केन्द्रीय विधालय तक नहीं दिलवा पाए अपने जिले को... जब इनके पास हमारे यहाँ के कल-कारखाने खुलवाने के लिए इनके पास कोई योजना ही नहीं है... हमारे क्षेत्र के इन्फ्रास्ट्रक्चर का विकास इनका रूचि ही नहीं है, तो इनको वोट देने से क्या फायदा...
इसलिए इस बार NOTA का बटन दबाएँ और मिथिला विरोधी नेताओं और पार्टियों को सबक सिखाएं..
अमित सिंह
मिथिला स्टूडेंट यूनियन(#msu)

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