भय या भक्ति
आज का मनुष्य भगवान के प्रति भक्ति-भाव रखता है या भय-भाव? मनुष्य भय से भक्ति करता है या भक्ति से भक्ति? क्या किसी अनिष्ट के ना हो जाने के भय से वो भगवन को पूजता है? शुरुआत से ही हमारे मन मे भगवान् के प्रति एक भय पैदा कर दिया जाता है। यदि हम ये नहीं करेंगे तो भगवान् रूष्ट हो जाएगा या फिर ऐसा करने से पाप लगेगा। क्यों हम अपने रीति-रिवाज़ो को समझे बगेर उनके पीछे भागते रहेंगे? यदि आपको भक्ति करनी है तो उसके पीछे की भावना भक्ति ही होनी चाहिए वही सच्ची भक्ति है वर्ना वो कुछ और ही है।

Faith or Fear
Today's human have faith for GOD or fear for GOD. He prays because he wants to pray or he fears what will happen if he don't pray. From starting we have bought up under the fear of GOD. We have to do that thing to please GOD or it is sin to do that. Why we blindly follow our customs or rituals without knowing the reason behind it? If we are praying it should only because we have faith not because we are under terror.

Sign In to know Author