तुमने AC 2 का टिकट क्योँ लिया है इस बार ?
उसमेँ पर्दे लगे रहते है इसलिए
अच्छा!! कोई पाकिस्तानी ट्रेन है क्या ?
हा हा हा !!!
वैसे बर्थ कौन सी ली है तुमने ?
साइड अपर B2 06 , लोअर वाली सीट तो आपकी होके भी आपकी नहीं होती इसलिए
पर मेरी सीट तो काफी बाद मेँ है , B2 21
चलो दैट वी विल साँर्ट आउट व्हाइल ट्रैभलिँग
लेट्स सी
हैलो ! मैने नीचे वाले को कनवीन्स कर लिया है , तुम लोअर बर्थ पे आ जाओ
ठीक है .....पर्दे खीँच दो ना , लोग हम दोनोँ को ही देख रहे हैँ
छोङोँ न , इनकी आँखेँ बहुत तेज है , पर्दोँ को चीर कर भी हमारे चरित्र का चीर -हरण कर लेँगी
प्लीज !!!
ठीक है , लो कर दिया , लेकिन अब जब तुम पर्दे से बाहर निकलोगी , तुमको सब यहाँ सीता , मुझको रावण , खुद को राम और ट्रेन को अयोध्या समझेँगे
मतलब
मतलब कुछ नहीं , आँखे झुका के निकलना , आँखे उठी तो तुमको इनकी आँखोँ मेँ UPSC के अनसाँलभ्ड प्रश्न मिलेँगे
तुम अपनी आँखोँ मेँ उसका एक माँडल टेस्ट पेपर दिखाओ क्या ?
हा हा हा !!!
लगता है कोई दस्तक दे रहा है ?
वो स्प्रे वाला होगा , ये बहुत चैलेँजीँग काम है
क्योँ ?
ये आपको विवश करता है ताकी आपकी अपनी इँद्रीयाँ इस दुर्गँध को भी सुगँध समझे
बात करते करते पता ही नहीं चला कब हम हायाघाट पहुँच गए
तुम बात की क्या बात करती हो मुझे तो रात का भी पता नहीँ चला
अच्छा जी
पर्दे अब हटा ले क्या ?
तुम सामना कर पाओगी सबका
तुम साथ होगे तो क्यो तो नहीँ
Awwwww!!!
बदबू आ रही है , दरभंगा आ गये शायद
हाँ , पापा की खोजती आँखेँ B2 तक पहुँचनेँ ही वाली होँगी
एसा क्या? एक बात बोलूँ ?
बोलो
चलो एक बार फिर से अजनबी बन जाए हमलोग
Awwwww!!!

Tags: ROMANCE, Journey

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