इसे महज़ एक संयोग कहा जाए या कुछ और

१९८४ में सीखो का कत्ले आम हुआ और फिर इंदिरा गांधी को चुनावों में ४१४ सीटें मिली

२०१४ में मुज़्ज़फ़रनगर में मुस्लिमो को मारा गया और फिर मोदी को ३३६ सीटें मिली

अगले चुनाव में अगर अरविन्द को सरकार बनानी है तो कुछ ऐसा ही काम करना होगा...क्यूंकि ये इंडिया है

लोग यहां सिर्फ बातें विकास और भ्रस्टाचार की करेंगे पर वोट दंगो में

हुए कत्ले आम पर देती है....

बात हलकी चुवेगी ... माफ़ी चाहूंगा उसके लिए

Tags: Politics

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