इस बार समां कुछ यु होगा
चाहा था जिस मंजिल को
करीब उसके तू होगा
एहमियत तेरी अब तुझे ही बतानी है
दिल में पनपते उस ख्वाब की तुझे
अब तस्वीर बनानी है!!!!

एक ख्वाब ही तो है जिसपे जिंदा है तू
खुले आसमा में उड़ता परिंदा है तू
कर उस ख्वाब को पूरा
जो ज़िन्दगी है तेरी
मिलेगी हर वो मंजिल
जो तकदीर है तेरी !!!!!

इस बार समां कुछ यूँ होगा
उस मंजिल के करीब तू होगा -२

होसला रख ये मेहनत रंग लाएगी
नया सवेरा आशा की किरण पाएगी.......
बीते हुए पल याद कर तू
अपनी हिम्मत को सलाम कर तू..........
तेरा परचम भी लहराएगा....
तू भी मंजिल अपनी पायेगा!!!!!

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