हाज़िरी कुछ ऐसी लगाई है उसने मेरे दिल में 
 हुयी आज मैं खुद से दूर और वो तो बस  मौजूद है मुझमें  ..... 

 

 

****** अर्थ से परीपूर्ण इस दुनिया में अपने जीवन का अर्थ (उद्देश्य ) तलाशतें हुए..

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